बिहार में चुनाव को लेकर हलचल तेज है। दोनों गठबंधन के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं। बिहार में पहले चरण के चुनाव के तहत 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। अब अपनी इस रिपोर्ट में आपको उन 10 सीटों के बारे में बताएंगे जहां चुनावी दंगल में जीत का मार्जिन बेहद कम रहा। यह अंतर 1000 वोट से भी कम का है। इस चुनाव में इन सीटों का रिजल्ट अहम हो गया है क्योंकि 2020 में मात्र 12 सीटों के अंतर से तेजस्वी यादव सरकार बनाने से चूक गए थे।
मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अनिल कुमार सहनी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा था। दंगल में राजद प्रत्याशी महज 712 वोट से जीते थे। हिलसा विधानसभा सीट पर जदयू के प्रत्याशी कृष्णमुरारी शरण ने राजद के अतरी मुनि को महज 12 वोट से हरा दिया था।
रामगढ़ विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने बीएसपी के अंबिका सिंह को 189 वोटों के अंतर से हराया था। इसी तरह बरबीघा सीट पर जेडीयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के उम्मीदवार गजानंद सहनी को महज 113 वोटों से हराया था। डेहरी सीट पर राजद के फते बहादुर सिंह ने बीजेपी के सत्यनारायण सिंह को 464 वोटों से हराया था।
इसी तरह भोरे विधानसभा सीट पर जदयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के जीतेंद्र पासवान को महज 462 वोटों से हराया था। बछवाड़ा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को सिर्फ 484 वोटों के अंतर से शिकस्त दे दी थी। बखरी सीट पर सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रामशंकर पासवान को 777 वोटों के अंतर से हराया था। परबत्ता विस सीट पर जदयू के डॉक्टर संजीव कुमार ने राजद के दिगंबर प्रसाद तिवारी को 951 वोटों से हराया था। इसके अलावा चकाई विधानसभा सीट पर निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने राजद की सावित्री देवी को 581 वोटों के अंतर से हरा दिया था।

