सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) द्वारा जारी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा की डेटशीट ने तमिल को दूसरी भाषा के रूप में चुनने वाले छात्रों और उनके माता-पिता को निराश कर दिया है। इस साल तमिल और साइंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा के बीच छात्रों को सिर्फ एक दिन का समय मिल रहा है, जिससे उनकी तैयारी पर भारी स्ट्रेस पड़ रहा है।
माता-पिता की मुख्य चिंता यह है कि साइंस कोई एक विषय नहीं है, बल्कि इसमें तीन अलग-अलग सब- सब्जेक्ट शामिल हैं— फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी। इन तीनों विषयों में अलग-अलग कॉन्सेप्ट्स और चैप्टर को गहराई से समझना पड़ता है।
डेटशीट के अनुसार, इंग्लिश की परीक्षा के बाद 23 फरवरी को तमिल की परीक्षा है, और इसके तुरंत बाद 25 फरवरी को साइंस की परीक्षा है। यानी साइंस जैसे मुश्किल विषय की तैयारी के लिए छात्रों को बीच में सिर्फ 24 फरवरी का ही समय मिल रहा है।
वहीं जिन छात्रों ने दूसरी भाषा के रूप में हिंदी या संस्कृत को चुना है, उनकी परीक्षाएं साइंस के बाद 28 फरवरी और 2 मार्च को निर्धारित हैं। इसका मतलब है कि हिंदी/संस्कृत के छात्रों को साइंस की तीन विषयों (फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी) के रिवीजन के लिए तीन दिन का पूरा समय मिल रहा है।
माता-पिता का कहना है कि सीबीएसई अब योग्यता-आधारित मूल्यांकन की ओर बढ़ रहा है, जहां छात्रों को केवल रटने के बजाय कॉन्सेप्ट्स की गहरी समझ की जरूरत होती है। साइंस जैसे विषय के लिए, एक दिन की छुट्टी काफी नहीं है।
हालांकि, शिक्षा जगत के एक्सपर्ट का कहना है कि परीक्षा की डेटशीट विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है, जैसे कि उस विषय की परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या। उनका सुझाव है कि अगर अभिभावकों को कोई शिकायत है, तो उन्हें परीक्षा नियंत्रक से संपर्क करना चाहिए।
फिलहाल, जिन छात्रों ने तमिल को दूसरी भाषा चुना है, उन्हें अपनी साइंस की तैयारी को पहले से ही मजबूत रखना होगा, ताकि वे कम समय में अच्छे अंक हासिल कर सकें।

