यूपी के हाथरस में एसीजेएम, एमपी एमएलए कोर्ट दीपक नाथ सरस्वती के न्यायालय में लोकसभा सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दाखिल हुआ था। न्यायालय ने इस मामले में सीओ सादाबाद को प्रारंभिक जांच किए जाने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में चार दिसंबर को सुनवाई होगी।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव निवासी रामकुमार उर्फ रामू की ओर से परिवाद दाखिल किया गया था। न्यायालय में रामकुमार के अलावा लवकुश और रवि ने भी परिवाद दायर कर रखा है। परिवाद में कहा है कि न्यायालय के निर्णय के बावजूद सांसद राहुल गांधी ने वोट की राजनीति व जातिगत विद्वेष के लिए अकारण 12 दिसंबर 2024 को गांव बूलगढ़ी का दौरा किया था।
राहुल गांधी ने मृत मुद्दे को पुनर्जीवित करने को जानबूझकर परिवादी को समाज में अपमानित एवं चारित्रिक हनन के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट किया। आरोप है कि उन्होंने न्यायालय के निर्णय के पूर्ण ज्ञान एवं जानकारी होने के बावजूद दोष मुक्त हुए युवकों को गैंगरेप का आरोपी बताया था। न्यायालय ने इस मामले में सीओ सादाबाद को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तिथि नियत की गई है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका खारिज कर दी। याचिका में उत्तर प्रदेश में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए (मॉब लिंचिंग) लोगों के परिवारों को मुआवजा देने का राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा था। जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य की ओर से दायर याचिका में ‘तहसीन पूनावाला मामले’ में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में व्यापक निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

