उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेटियों की सुरक्षा के साथ ही उनके करियर और शादी को लेकर भी बेहद संजीदा है। लगातार इसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। सबसे निचले पायदान पर माने जाने वालों को राहत देने का काम लगातार हो रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की बेटियों को बड़ी सौगात दी है। अब इन बेटियों की शादी के लिए एक लाख रुपए तक की आर्थिक मदद मिल सकेगी। यह मदद लेने के लिए श्रमिकों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस रजिस्ट्रेशन और सालाना अंशदान के मद में केवल 20 रुपए खर्च करना होगा।
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) ने अब श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर तीन श्रेणियों में बांटा है। सामान्य विवाह पर 65 हजार, अंतर्जातीय विवाह पर 75 हजार और सामूहिक विवाह पर 85 हजार प्रति जोड़े की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा शादी के आयोजन के लिए अलग से 15 हजार रुपये भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम श्रमिक परिवारों की आर्थिक बोझ को कम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
यह योजना प्रदेश के 1.88 करोड़ से अधिक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के परिवारों को सीधा लाभ पहुंचाएगी। वर्तमान में बोर्ड में 1.88 करोड़ से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत हैं, जो ईंट-गारा, सीमेंट, सरिया और पसीने से शहरों को चमकाते हैं। सरकार का मानना है कि इन श्रमिकों की बेटियों की शादी अक्सर आर्थिक तंगी की वजह से देरी से या सादगी से हो जाती है। इस योजना से न सिर्फ शादी धूमधाम से होगी, बल्कि अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन मिलेगा, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है। श्रमिक www.upbocwboard.in वेबसाइट पर या नजदीकी जन सेवा केंद्र के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन और नि:शुल्क आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए केवल 20 शुल्क और 20 रुपए वार्षिक अंशदान देना होता है। इसके बाद श्रमिक बोर्ड की सभी कल्याण योजनाओं के पात्र हो जाते हैं। आवेदन के साथ आधार कार्ड, श्रमिक पंजीकरण कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र (विवाह के बाद) और बैंक खाता विवरण संलग्न करना होगा। राशि सीधे लाभार्थी के खाते में डीबीटी के जरिए आएगी।
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि योगी जी का सपना है कि कोई भी श्रमिक बेटी आर्थिक तंगी की वजह से अपनी शादी का सपना न तोड़े। यह योजना न सिर्फ आर्थिक मदद देगी, बल्कि सामूहिक विवाह को बढ़ावा देकर सामाजिक एकता भी मजबूत करेगी। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल तक सामान्य विवाह पर 51 हजार की सहायता दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 65 हजार किया गया है। अंतर्जातीय और सामूहिक विवाह पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि सामाजिक सुधार की दिशा में कदम है।
उन्होंने श्रमिकों से अपील की कि वे जल्द पंजीकरण कराएं और योजना का लाभ उठाएं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के निर्माण श्रमिक पात्र हैं। बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 1800-1800-123 भी जारी किया है, जहां कोई भी जानकारी ले सकता है। योगी सरकार की यह पहल श्रमिकों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है और उम्मीद है कि इससे हजारों बेटियों की शादी धूमधाम से होगी।

