परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब हर शैक्षिक सत्र में 10 ‘बैगलेस डे’ होंगे। मतलब, विद्यार्थियों को 10 दिन बिना बस्ते के स्कूल बुलाया जाएगा। तनावमुक्त व गतिविधि आधारित शिक्षण पर जोर दिया जाएगा। हर शनिवार को विद्यालयों में मस्ती की पाठशाला लगेगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से आनंदम मार्गदर्शिका स्कूलों के लिए तैयार की गई है।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा मोनिका रानी की ओर से वर्तमान शैक्षिक सत्र 2025-26 का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। तत्काल प्रभाव से इस व्यवस्था को लागू किया गया है। इस महीने के शनिवार व दिसंबर में सभी चारों शनिवार, जनवरी में तीसरे व चौथे शनिवार और फरवरी में पहले व द्वितीय शनिवार को बैगलेस डे आयोजित किया जाएगा। अभी स्कूलों में गतिविधि व प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण, विभिन्न क्लबों का गठन, स्पोर्ट्स गतिविधियां, लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम और राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के कार्यक्रम के अंतर्गत क्विज प्रतियोगिता आयोजित होगी और शैक्षिक भ्रमण कराया जा रहा है।
इस बैगलेस डे के माध्यम से अब आगे सात उद्देश्यों की पूर्ति की जाएगी। इसमें आनंदमय वातावरण में विद्यार्थियों को सीखने का अनुभव प्रदान करना होगा। अनुभवात्मक शिक्षा के तहत विद्यार्थियों को व्यावहारिक और अनुभवजन्य शिक्षा दी जाएगी, शिक्षा के समग्र और समावेशी विकास पर बल दिया जाएगा। विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ उनमें वास्तविक जीवन का निष्पक्ष विश्लेषण और मूल्यांकन की समझ विकसित होगी। सामुदायिक जुड़ाव के तहत समाज से जुड़ने और पारस्परिक निर्भरता की भावना विकसित होगी। व्यावसायिक उन्मुखीकरण के तहत स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों व स्थानीय व्यावसायों की समझ विकसित की जाएगी, जिससे वह भविष्य की चुनौतियों से आसानी से निपट सकें।
राष्ट्रीय संकल्पना के तहत आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी, वोकल फॉर लोकल, ओडीओपी की अवधारणा के प्रति जागरूक किया जाएगा। ऐसे विद्यालय जो इस शनिवार को जानकारी के आभाव में बैगलेस डे नहीं आयोजित कर पाए हैं, वह जारी कैलेंडर के अलावा आगे के शनिवार में इसे समायोजित करेंगे।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए तैयार की गई मार्गदर्शिका आनंदम में 34 विषय और गतिविधियां शामिल हैं। मार्गदर्शिका के अनुसार ही कार्यक्रम होंगे और इन्हें तीन भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें पहला विज्ञान, पर्यावरण व प्रौद्योगिकी, दूसरा सार्वजनिक कार्यालय, स्थानीय उद्योग व व्यावसाय और तीसरा कला, संस्कृति व इतिहास। बैगलेस डे में विद्यार्थियों को खेल-खेल में जीवन कौशल की शिक्षा और संस्कृति व इतिहास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
अभिभावकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। बैगलेस डे वाले दिन उन्हें आमंत्रित कर बताया जाएगा कि पढ़ाई के साथ-साथ किस तरह उन्हें अपने बच्चों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास करना है। उन्हें इसके लिए जागरूक किया जाएगा।

