बिहार विधानसभा चुनाव में 238 सीटों पर लड़कर 3.34 फीसदी वोट लाने के बावजूद जन सुराज पार्टी (जेएसपी) एक भी सीट नहीं निकाल सकी। एक सीट पर दूसरे लेकिन 129 सीट पर तीसरे नंबर और 73 सीट पर चौथे नंबर पर रहे जन सुराज को मिले वोट से 35 सीटों पर रिजल्ट बदल गया। जन सुराज के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने नतीजों के बाद पहली बार मीडिया से बात की और कहा कि वोट नहीं मिलना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन उन्होंने जाति या धर्म का जहर नहीं घोला। उन्होंने कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं और आगे भी बिहार में डटकर काम रहेंगे।
नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 25 से ज्यादा सीट मिलने पर राजनीति छोड़ने और संन्यास लेने जैसी बातें पहले करने वाले पीके ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार ने पैसे पर वोट खरीद लिया। उन्होंने कहा कि जिन डेढ़ करोड़ महिलाओं को दस हजार रुपया दिया गया है, अगर उन्हें सीएम महिला रोजगार योजना के तहत 6 महीने बाद 2-2 लाख दे दिया जाता है तो वो राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि हर सीट पर 60 से 62 हजार महिलाओं को 10 हजार रुपये दिया गया है। लगभग एक लाख आंगनबाड़ी सेविका, आशा वर्कर वगैरह को सरकार ने 10 हजार करोड़ अलग से दिया। विकास मित्रों और टोला सेवकों को 25 हजार दिया। प्रवासी मजदूरों को कपड़ा के नाम पर 5000 रुपया दिया गया। करीब-करीब 29 हजार करोड़ रुपया बांटा गया है।
बिहार में जन सुराज ने सारी 243 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे, लेकिन कुछ बैठ गए, कुछ का पर्चा रद्द हो गया। मैदान में बचे 238 प्रत्याशियों में 2 को छोड़ सबकी जमानत जब्त हो गई। मढ़ौरा सीट पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही, जहां से आरजेडी जीती। यहां एनडीए से लोजपा-आर की सीमा सिंह का पर्चा रद्द हो गया था। जन सुराज के उम्मीदवार 1 सीट पर दूसरे, 129 सीट पर तीसरे, 73 सीट पर चौथे और 23 सीट पर पांचवें नंबर पर रहे। पार्टी को 16.74 लाख वोट मिले और वोट शेयर का नंबर 3.34 प्रतिशत रहा। एनडीए की प्रचंड लहर में एक नई पार्टी की चुनावी शुरुआत के लिहाज से यह वोट बहुत निराशाजनक भी नहीं है।
जन सुराज पार्टी को 35 सीटों पर इतना वोट मिला जो वहां हार-जीत के अंतर से ज्यादा था। ये तो नहीं कहा जा सकता कि जन सुराज नहीं लड़ती तो वो वोट हारने वाले को मिल जाता या विजेता के नंबर और बढ़ जाते, लेकिन सरसरी तौर पर यह कहा जा सकता है कि इसने नतीजों पर असर तो डाला है। जन सुराज के वोट से कम मार्जिन से निकली सीटों में 19 जगह एनडीए जीता तो 14 सीट पर महागठबंधन भी जीता। एआईएमआईएम और बसपा की भी 1-1 सीट पर विक्ट्री मार्जिन का नंबर जन सुराज को मिले वोट से कम रहा। एनडीए वालों के 19 में जेडीयू की 10, बीजेपी की 5, लोजपा-आर की 3 और रालोमो की 1 सीट है। महागठबंधन के 14 में आरजेडी की 9, कांग्रेस की 2, सीपीआई-एमएल, सीपीएम और आईआईपी की 1-1-1 सीट शामिल है।

