मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस लाइन में 21 अक्तूबर को आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर बीते एक साल में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारीजनों को सम्मानित करेंगे। साथ ही शोक परेड की सलामी भी लेंगे। मुख्यमंत्री पुलिसर्मियों के कल्याण से जुड़ी कई घोषणाएं भी कर सकते हैं।
हर साल पुलिस महकमे में डयूटी के दौरान संवेदनशीलता, समर्पण और त्याग दिखाने वाले शहीद पुलिसकर्मियो की याद में 21 अक्तूबर को स्मृति दिवस मनाया जाता है। यह परम्परा 66 साल से चल रही है। अक्तूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान गश्त पर निकले थे। उस समय चीनी सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया था। इसमें उनकी जान चली गई थी। इन वीर जवानों की याद में ही पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परम्परा चल रही है।
भारत में 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक कर्तव्य का पालन करते हुए 186 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। इसमें यूपी के तीन पुलिसकर्मी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, मुख्य जौनपुर के मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह और नोएडा कमिश्नरेट के आरक्षी सौरभ कुमार हैं।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार-एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार 20 जनवरी, 2025 को अपनी टीम के साथ शामली में एक लाख के इनामी बदमाश अरशद की तलनाश कर रहे थे। इसी दौरान अरशद जीप से आता दिखा। सुनील कुमार ने साथियों के साथ घेराबंदी कर रखी थी। बदमाशों ने उन्हें देखते ही टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। सुनील कुमार को तीन गोलियां लगी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बदमाशों पर फायरिंग करते रहे। इसमें चार बदमाश मारे गए थे। इंस्पेक्टर सुनील को गम्भीर हालत में हरियाणा के करनाल में भर्ती कराया गया जहां 22 जनवरी को उनकी मौत हो गई थी।
जौनपुर के चंदवक थाने में तैनात इंस्पेक्टर के साथ मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह व अन्य पुलिसकर्मी 12 मई 2025 को तहसील दिवस खत्म होने के बाद गो-तस्करों की तलाश में जा रहे थे। इस दौरान ही गौ तस्करों से मुठभेड़ हो गई। दुर्गेश ने उन्हें रोकने का प्रयास किया इस पर बदमाशों ने उसके ऊपर जीप चढ़ाते भाग निकले। दुर्गेश को वाराणसी के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। इसमें एक बदमाश बाद में मारा गया था, जबकि तीन बदमाश मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुए थे।

