चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के अवशेषों का प्रभाव अभी बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं भारी तो कहीं हल्की वर्षा की संभावना है। इसके बाद मौसम में सुधार और तापमान में क्रमिक गिरावट दर्ज होगी। तट से टकराने के बाद मोंथा एक अवदाब में बदल गया था जिसका असर प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में दिखा। अमौसी स्थित मौसम मुख्यालय के अनुसार अब यह तूफान कमजोर पड़ते हुए हवा के निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल चुका है जो छत्तीसगढ़-बिहार के ऊपर है। इसका असर पूर्वी से लेकर थोड़ा मध्य यूपी तक आ रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान यानी शुक्रवार की सुबह 8:30 बजे तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। जालौन में 96.5, मिर्जापुर में 95 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग ने सात जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा पूर्वी यूपी के 18 जिलों में हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है।
ताजनगरी आगरा में शनिवार से मौसम का एक और बदलाव दिखाई दे सकता है। सुबह और देर रात हल्का कोहरा छाए रहने के आसार हैं। धुंध भी छाई रह सकती है। छह नवंबर तक मौसम का मिजाज कुछ इसी तरह का रह सकता है। शुक्रवार तड़के शहर के बड़े हिस्से में धुंध देखी गई। चूंकि बारिश के बाद तापमान गिरा था, अब दोपहर में धूप निकलने से पारे में बढ़ोत्तरी हो रही है। यानि नमी के साथ धूप का मौसम शुरू हो गया है। इससे कोहरा छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने भी इसके संकेत दिए हैं। एक नवंबर से सुबह और देर रात इसका अधिक असर रहेगा। हालांकि इस बीच तापमान में किसी बड़े बदलाव का अनुमान नहीं है। दिन का तापमान 30 डिग्री और रात का पारा 17 से 20 डिग्री के बीच रह सकता है।
शुक्रवार को दिन का तापमान सामान्य से चार डिग्री कम होकर 30.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इस कारण दिन में भी बंद स्थानों पर नमी का एहसास हुआ। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 5.5 डिग्री अधिक होकर 21.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। इस दौरान आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 98 दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक पांच नवंबर की रात से तापमान में गिरावट के आसार हैं। छह नवंबर को तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। बता दें कि नवंबर में दिन का तापमान 20 डिग्री से भी कम हो जाता है। जबकि दिसंबर से जनवरी के बीच दिन का तापमान कई बार 11 या 12 डिग्री सेल्सियस ही रह जाता है। इसे कोल्ड-डे-कंडीशन कहा जाता है।

