आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में बढ़ता वर्कप्रेशर, नींद और वर्कआउट की कमी, जंक फूड का अधिक सेवन और जरूरत से ज्यादा तनाव, जैसी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की वजह से अर्बन हार्ट सिंड्रोम का खतरा लोगों के लिए बढ़ रहा है। अर्बन हार्ट सिंड्रोम ज्यादातर 30 और 40 साल की उम्र के लोगों की दिल की सेहत को तेजी से नुकसान पहुंचता है। आसान शब्दों में समझें तो अर्बन हार्ट सिंड्रोम का मतलब शहरों में रहने वाले उन लोगों से है, जिनका दिल अब पहले की तरह सेहतमंद नहीं रह गया है। बता दें, इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को थकान, सीने में भारीपन, सांस फूलना, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन का अनियमित होना जैसे शुरुआती लक्षण महसूस हो सकते हैं।

क्या होता है अर्बन हार्ट सिंड्रोम?
अर्बन हार्ट सिंड्रोम, शहरी जीवन जीने वाले लोगों की कुछ आदतों जैसे जैसे मानसिक तनाव, असंतुलित आहार, एक्सरसाइज की कमी और नींद की गड़बड़ी की वजह से दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है। जिसकी वजह से दिल की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
अर्बन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
-चलते हुए सांस फूलना या थकान महसूस होना
-सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
-दिल की असामान्य धड़कन
-हाई ब्लड प्रेशर
-नींद की कमी और बेचैनी
अर्बन हार्ट सिंड्रोम के कारण
-मानसिक तनाव
-अधिक वर्क प्रेशर
-कॉफी या एनर्जी ड्रिंक का अधिक सेवन
-प्रोसेस्ड और जंक फूड का अधिक
-वर्कआउट की कमी
-स्मोकिंग की लत
-वायु और ध्वनि प्रदूषण
अर्बन हार्ट सिंड्रोम का सबसे ज्यादा खतरा किसे होता है?
-डायबिटीज या ब्लड प्रेशर रोगी
-लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करने वाले लोग
-तनाव या अनियमित नींद की समस्या से परेशान लोग
अर्बन हार्ट सिंड्रोम से बचाव
अर्बन हार्ट सिंड्रोम कोई बीमारी नहीं, बल्कि खराब शहरी जीवन से जुड़ी हृदय संबंधी समस्याओं का एक कॉम्बिनेशन है। इस समस्या से बचाव करने के लिए आप रोजाना आधा घंटा वॉक या योग करें, अच्छी नींद के लिए स्क्रीन टाइम कम रखें, माइंडफुलनेस योग या ध्यान, अपनी डाइट में फाइबर, फल और हरी सब्जियां शामिल करें, तनाव से दूर रहें और हर 6 महीने में अपना नियमित हेल्थ चेकअप जरूर करवाएं।

