बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू एवं तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है। मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। सहनी को लालू-तेजस्वी ने इस चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया था। हालांकि, उन्होंने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्तीफा भेज दिया और कुछ देर बाद पटना में भाजपा की सदस्यता ले ली।
भाजपा के पटना स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित मिलन समारोह में बुधवार को अनिल सहनी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। उनके साथ पूर्व विधायक आशा देवी भी भाजपा में शामिल हुईं। इस दौरान पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी सह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य वरीय नेता मौजूद रहे।
जेल जाने के बाद खत्म हुई थी विधायकी
कुढ़नी विधानसभा सीट पर आरजेडी के टिकट पर अनिल कुमार सहनी ने भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को करीबी मुकाबले में हराकर जीत दर्ज की थी। दिल्ली की अदालत से एलटीसी घोटाले में दो साल की सजा होने के बाद सहनी की विधायकी चली गई थी। कोर्ट ने सहनी के चुनाव लड़ने पर 3 साल के लिए रोक भी लगाई थी। इसके बाद खाली हुई कुढ़नी सीट पर 2022 में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा के केदार प्रसाद जीते थे।
अनिल सहनी राजद से पहले नीतीश कुमार की जेडीयू में रहे। जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। राज्यसभा सांसद रहते हुए ही उनपर हवाई टिकट की अवैध बिक्री का आरोप लगते हुए सीबीआई ने एलटीसी घोटाले का केस चला था।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस्तीफा देने के बाद अनिल सहनी ने आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर अति पिछड़ा का अपमान करने का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि सहनी अपने बेटे को कुढ़नी सीट से टिकट दिलवाना चाहते थे। लालू-तेजस्वी ने इस बार बबलू कुशवाहा को कुढ़नी से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, राजद के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में अनिल सहनी का भी नाम शामिल था।

